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'मिसेज' फिल्म से सनसनी मचाने वाले हरमन बावेजा ने कैसे अपनी चुनौतियों को अवसर में बदला?

प्रोड्यूसर की भूमिका में जोश और उत्साह से कदम रखने के बाद हरमन बवेजा 2025 में कर रहे बेहतरीन शुरुआत.

leisure: cinema
हरमन बवेजा (फाइल फोटो)
अपडेटेड 27 मई , 2025

करीब नौ साल पहले जब उनका अभिनय करियर हांफ रहा था और पिता हैरी बवेजा को लकवा हुआ था, हरमन बावेजा के सामने चुनौती और अवसर, दोनों एकसाथ खड़े थे. आगे बढ़ो और परिवार के अपने स्टुडियो की बागडोर संभालो.

आखिरकार 2025 में उन्हें इसका फल मिला है, जब सान्या मल्होत्रा अभिनीत और बवेजा निर्मित और सह-लिखित वैवाहिक ड्रामा मिसेज फरवरी में जी5 पर रिलीज होने के बाद 50 करोड़ व्यूज बटोरकर स्ट्रीमिंग की दुनिया की सनसनी बन गया है.

बवेजा अपने करियर के निर्णायक लम्हे के लिए महामारी के शुक्रगुजार हैं. वे कहते हैं, ''मैं दिन में 12-12 घंटे लिख रहा था और एक वक्त मेरी बहन कहती थी कि 'यह सब तुम किसके लिए लिख रहे हो?’ अभी हम जो प्रोड्यूस कर रहे हैं, उसका बहुत सारा उसी दौर में लिखी गई कहानियों और विचारों से आया है.’’

यह वह वक्त भी था जब उन्हें एहसास हुआ कि स्टुडियो को नई और अलग दिशा में ले जाने की जरूरत है. बवेजा कहते हैं, ''हम लगातार बड़ी और छोटी फिल्मों की बात करते हैं, जबकि असल में बड़ा और छोटा तो फिल्म का बजट होता है. हमें ध्यान इस पर देना चाहिए कि 'क्या मेरी कहानी बड़ी है?’ हमें कहानी की बेहतरी के लिए हर कोशिश करनी चाहिए.’’

बवेजा ने अभी-अभी चार लेखकों के साथ बातचीत खत्म की है, जिसे उद्योग की जबान में अब राइटर्स रूम कहा जाता है. वे कहते हैं, ''पहले इसे राइटिंग सेशन कहा जाता था. अब जो कार्यपद्धति बन गई है, वह पहले की पीढ़ी के लिए इंस्टिंक्टिव हुआ करती थी.’’

बवेजा ने अमेरिका की यूसीएलए और ला स्ट्रासबर्ग थिएटर ऐंड फिल्म इंस्टीट्यूट से पढ़ाई करने और दोनों की पढ़ाई अधबीच छोड़ देने के बाद अपनी सिनेमाई यात्रा पिता की छत्रछाया में शुरू की. 21 साल की उम्र का होने से छह महीने पहले वे अपनी पहली फिल्म ये क्या हो रहा है  प्रोड्यूस कर चुके थे, जो निर्देशक के रूप में हंसल मेहता की भी पहली फिल्म थी. इत्तेफाकन मेहता ही थे जो स्कूप (नेटफ्लिक्स) में पुलिस अफसर की भूमिका सौंपकर बवेजा को लोगों की नजरों में वापस लाए थे.

 अभिनय फिलहाल उनकी प्राथमिकता नहीं है. वे कहते हैं, ''कुछ ऐसा होना चाहिए जो कमाल का, मजेदार और अनोखा हो और जिसमें मेरा बहुत ज्यादा वक्त भी न लगे.’’ इसके बजाए वे पर्दे के पीछे भूमिकाएं निभाकर, लिखकर, अंधेरी के अपने दो दफ्तरों से फिल्मों के तमाम पहलुओं को विकसित करके और अपने दो बच्चों के साथ समय बिताकर ज्यादा संतुष्ट हैं.

वे यह भी कहते हैं कि प्रोड्यूसर होने के नाते उनका लक्ष्य उस 'आदर्श जगह’ पर पहुंचना है जहां व्यावसायिक संवेदनाओं और रचनात्मक स्वतंत्रता का मेल हो. वे कहते हैं, ''आपको कहानी और विधा के प्रति ईमानदार होना होता है.’’

2025 की फेहरिस्त में जया बच्चन, सिद्धांत चतुर्वेदी और वामिका गब्बी अभिनीत रोमांटिक-कॉमेडी दिल का दरवाजा खोल ना डार्लिंग और एनिमेटेड पंजाबी फिल्म चार साहिबजादे की प्रीक्वल नौवा नूर है. जल्द ही अश्विनी अय्यर तिवारी के निर्देशन में एक और फिल्म शुरू होने जा रही है, जिसमें सोनाक्षी सिन्हा और ज्योतिका हैं. बवेजा निर्देशक की कुर्सी पर विराजमान होंगे या नहीं? वे पलटकर जवाब देते हैं, ''ज्यादा दूर नहीं. मेरे पास अपनी दो कहानियां तैयार हैं. जब भी इनके लिए मेरा मन बन जाएगा, मैं उतर पड़ूंगा.’’

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