फीचर

‘आक्रामक’ पेड़-पौधों से भारत की 14 करोड़ आबादी बेहाल; इनसे निपटना मुश्किल क्यों?
इनवेसिव प्लांट या आक्रामक पौधे (विदेशी खरपतवार, झाड़-झंखाड़) हर साल भारत में हजारों वर्ग किमी तक का इलाका निगल रहे

फैमिली मैन का तीसरा सीजन कैसे बना पहले से बड़ा और 'बोल्ड'
पूर्वोत्तर की पृष्ठभूमि और हंसी-मजाक तथा जबरदस्त तनाव के साथ शुरू हुआ 'द फैमिली मैन' का तीसरा सीजन कैसे पहले और दूसरे सीजन से बड़ा और 'बोल्ड' बन गया

अगर आप भी वसीयत करने के बारे में सोच रहे हैं तो पहले दूर कर लें इससे जुड़े कन्फ्यूजन!
वसीयत से जुड़ी ऐसी कई उलझनें जिनके फेर में पड़कर लोग गलत वसीयतनामा बना लेते हैं और उनके बाद परिवार को दिक्कतों को सामना करना पड़ता है

मांसपेशियों में लगातार होने वाला दर्द क्या आर्थराइटिस का लक्षण है?
आर्थराइटिस और 'मांसपेशियों की थकान' की बीच अंतर कर पाना अमूमन काफी मुश्किल होता है और इसकी वजह से इलाज में होने वाली देरी जोड़ों को हमेशा के लिए बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है

'प्रेडेटर : बैडलैंड्स' में ऐसा क्या जो इसे 2025 की सबसे अच्छी फिल्म कहा जा रहा है?
'प्रेडेटर: बैडलैंड्स' असंभव चमत्कार को सच करती रहस्यमयी जादुई कथा है, जहां नए ब्रह्मांड के दरवाजे खुलने पर खतरे भी अच्छे लगते हैं

क्या आपको भी कोई फैसला लेने में भारी कन्फ्यूजन होता है! फिर तो यह सीरीज आपके लिए ही बनी है
यह सीरीज अमेरिका के वेस्ट टेक्सस में मौजूद तेल के कुंओं की कहानी है. ‘तेल का खेल’ समझाती इस सीरीज़ के मुख्य किरदार में है ‘लैंडमैन’ टॉमी नॉरिस

इंसुलिन थेरेपी मतलब डायबिटीज की आखिरी स्टेज! क्या हैं इस बीमारी से जुड़ी पांच गलतफहमियां?
डायबिटीज को लेकर जागरूकता काफी बढ़ने के बावजूद कुछ गलतफहमियां अब भी कायम हैं और ये इलाज पर भी उल्टा असर डालती हैं

दक्षिण अफ्रीका के सामने टीम इंडिया का आभामंडल कैसे हुआ ध्वस्त! अब आगे क्या हैं सबक?
दक्षिण अफ्रीका ने गुवाहाटी में भारत को महज हराया ही नहीं, उसने दिखा दिया एक अनुशासित दस्ते के आगे भारत जैसी 'प्रतिष्ठित' टीम कितनी बेबस हो सकती है

भारतीय युवाओं पर कैसे छाया यंग-एडल्ट किरदारों वाली फिल्मों और सीरीज का जादू!
युवा वयस्कों यानी यंग-एडल्ट किरदारों पर आधारित तमाम शो और विदेशी फिल्मों की बाढ़ के साथ निर्माता भारत के युवाओं की कहानी दर्शाने वाले स्थानीय संस्करणों पर ध्यान केंद्रित कर रहे

महाकुंभ के बाद पहला माघ मेला किन नई परंपराओं को शुरू करने वाला है?
प्रयागराज में पौष पूर्णिमा (13 जनवरी, 2026) से माघ मेले की शुरुआत होगी और महाशिवरात्रि (15 फरवरी 2026) के दिन मेले की समाप्ति होगी

'फैमिली मैन' जैसी सीरीज जो शुरू में तो खूब दौड़ती हैं लेकिन बाद के सीजन में हांफने क्यों लगती हैं?
कुछ सीरीज जिन वजहों से घर-घर पहुंचती हैं, आखिरकार उन्हीं के बोझ तले दबने लगती हैं. 'फैमिली मैन' के साथ भी यही होता दिख रहा है

जब भारत-पाक विभाजन की वजह से धर्मेंद्र से बिछड़ गया पहला प्यार
धर्मेंद्र का जिक्र जब भी होता है, लोग उनकी शख्सियत की बात करते हैं. उनके 'हीमैन' पर्सोना की बात होती है. इस स्टोरी में उनके मासूम, अनकही मोहब्बत की दास्तान जानते हैं

राम मंदिर का धर्मध्वज किन प्राचीन परंपराओं और आधुनिक तकनीक के मेल से तैयार हुआ है?
अयोध्या में 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर शिखर पर विशेष भगवा ध्वज फहराएंगे. सूर्य, ॐ और कोविदार चिह्न वाला यह तीन-परत वाला ध्वज अयोध्या में मंदिर पूर्ण होने का संकेत बनेगा

भारत की 85 फीसदी आबादी मसूड़ों की दिक्कतों से जूझ रही...क्यों है ये खतरनाक?
मसूड़े बीमार होने का मतलब है कि देर-सबेर आपके दांतों में दिक्कत होने वाली है

क्या सच में कांग्रेस ने ‘वंदे मातरम्’ में काट-छांट कर उसकी मूल भावना से खिलवाड़ किया था?
कांग्रेस ने जिन हालात में 'वंदे मातरम' को संशोधित संस्करण स्वीकार किया वह दिखाता है कि उसने तब के भारत में राष्ट्रवाद को कैसे संवाद के जरिये आगे बढ़ाया था

क्यों कनु बहल की फिल्म 'आगरा' को सिनेमाघरों में नहीं मिल रहे शो?
चौदह नवंबर को भारतीय सिनेमाघरों में रिलीज हुई कनु बहल की आगरा हमें हमारे भीतर की अंधेरी सच्चाइयों की ओर ले जाती है

मौत के बाद एक महिला के शरीर में खून दौड़ाकर कैसे डॉक्टरों ने उसकी आखिरी इच्छा पूरी की!
एशिया में पहली बार, दिल्ली के मणिपाल अस्पताल के डॉक्टरों ने एक मृत महिला के शरीर में खून का बहाव फिर से शुरू किया ताकि अंगदान करने की उसकी आखिरी इच्छा पूरी हो सके

क्यों भारत में रिलीज नहीं हो रही ऑस्कर नॉमिनेटेड फिल्म 'संतोष'?
पुलिस तंत्र में पनपी सांप्रदायिकता, जातिवाद और मर्दवाद की कलई खोलती, ऑस्कर के लिए नॉमिनेटेड ठेठ हिंदी फिल्म 'संतोष' को भारत में रिलीज होने का इंतजार है

AI कैसे बदल रहा है बॉलीवुड की दुनिया?
भारतीय सिनेमा की रचनात्मक दुनिया में AI की क्षमताओं को लेकर फिल्म जगत में दो-फाड़ है. एक इसे रचनात्मक पक्ष मान रहा तो दूसरा विध्वंसकारी.

निठारी हत्याकांड : वो ‘बदनाम कोठी’ अब किस हाल में है और क्या सोचते हैं इसके पड़ोस के लोग?
सुप्रीम कोर्ट ने निठारी हत्याकांड के आरोपी सुरेंद्र कोली को सभी आरोपों से बरी करते हुए रिहा करने के आदेश दिए हैं
